राजस्थान खनिज नीति 2015 (Rajasthan Mining Policy 2015): मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित एम्बेसडर्स राउंड टेबल कांफ्रेंस में राजस्थान खनिज नीति-2015 जारी की। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, खान एवं पेट्रोलियम, श्री अषोक सिंघवी ने वरिष्ठ राजनयिकों को नई नीति पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया। नवीन खनिज नीति से राज्य में निहित संसाधन आधारित अवसरों का लाभ उठाने में निवेशकों को सुविधा होगी। राजस्थान के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना नई नीति का मुख्य उद्देश्य है।
राजस्थान खनिज नीति-2015 के प्रमुख बिन्दु (Rajasthan Mining Policy 2015 Highlights):
- ऑनलाइन सिस्टम अब आर्थिक विकास को गति देगा। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 फीसदी भाग खनिज क्षेत्र से प्राप्त होता है, जिसे अब और बढ़ाया जाएगा।
- खनिज क्षेत्रों को चिन्हित कर राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियों के माध्यम से पूर्वेक्षण कार्य कराया जायेगा।
- विभाग की रासायनिक प्रयोगशाला का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण किया जायेगा।
- लाभ-हानि रहित स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया जायेगा।
- नागुरडा लिग्नाइट ब्लाॅक में अण्डरग्राउण्ड कोल गैसीफिकेशन हेतु नेयवेली लिग्नाइट काॅरपोरेशन से ज्वाइन्ट वेन्चर किया जायेगा।राजस्थान खनिज नीति-2015 के प्रमुख बिन्दु (Rajasthan Mining Policy 2015 Highlights):
- ऑनलाइन सिस्टम अब आर्थिक विकास को गति देगा। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 फीसदी भाग खनिज क्षेत्र से प्राप्त होता है, जिसे अब और बढ़ाया जाएगा।
- खनिज क्षेत्रों को चिन्हित कर राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियों के माध्यम से पूर्वेक्षण कार्य कराया जायेगा।
- विभाग की रासायनिक प्रयोगशाला का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण किया जायेगा।
- लाभ-हानि रहित स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया जायेगा।
- वन क्षेत्र में निजी आवेदकों द्वारा भूमि अनारक्षण करा खान प्राप्त की जा सकेगी।
- राजकीय भूमियों में विभाग द्वारा क्षेत्र आरक्षित कर ‘डेलिनियेटेड‘ प्लाट खनन के लिए टेण्डर या नीलामी अथवा लाॅटरी से दिये जायेंगे।
- प्रधान से अप्रधान घोषित 31 खनिजों के खनन पट्टे न्यूनतम 4 हेक्टेयर क्षेत्र के एवं खनिज बजरी के खनन पट्टे 5 से 50 हेक्टेयर क्षेत्र के दिये जायेंगे।
- खनिज सेण्ड स्टोन के खनन पट्टे खातेदारी भूमि में न्यूनतम 1 हेक्टेयर क्षेत्र के दिये जायेंगे।
- केवल लाॅटरी के माध्यम से आवंटित खानों के प्रारंभिक हस्तांतरण के लिए 2 वर्ष का लाॅक-इन पीरियड यथावत रखा जायेगा।
- प्रभावी क्वारी लाइसेंस की अवधि 30 वर्ष एवं खनन पट्टों की अवधि 50 वर्ष की जायेगी।
- प्रभावी क्वारी लाइसेंस एवं खनन पट्टों से लगती हुई सरकारी, खातेदारी भूमि को उनमें जोड़ा जायेगा।
- वैध खनन के विवादास्पद प्रकरणों के निस्तारण के लिए सेटलमेंट कमेटी का गठन किया जायेगा।
- खनन से प्रभावित खनन क्षेत्रों एवं व्यक्तियों के हित रक्षण के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन का गठन किया जायेगा।
- खनन से जुड़े व्यक्तियों एवं विभागीय अधिकारियों के स्किल डवलपमेंट के लिए सेमिनार का आयोजन किया जायेगा।
- अवैध खनन व निर्गमन के विरुद्ध सजा 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने, अधिकतम आर्थिक दण्ड 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तथा खनिज की कीमत राॅयल्टी की 15 गुणी करने के प्रावधान किये जायेंगे।
- खनिजों क्षेत्रों, खनिज उपलब्धता की मात्रा आदि दर्शाते हुए मिनरल डायरेक्ट्री का प्रकाशन किया जायेगा।
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