मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को
मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में आवश्यकता के
अनुरूप लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन आधार पर सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली
की पारदर्शितापूर्वक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड का गठन करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडिया को कैबिनेट में
लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि नई कम्पनी के गठन का मुख्य
उद्देश्य विद्युत के शाॅर्ट टर्म एवं लाॅन्ग टर्म क्रय संबंधी कार्य के
साथ वितरण निगमों के नियामक संबंधी कार्य, विद्युत उत्पादन, प्रसारण एवं
वितरण निगमों में समन्वय स्थापित करना है। प्रस्तावित कम्पनी की स्थापना 5
करोड़ रूपये की पूंजी के साथ राजस्थान सरकार द्वारा की जायेगी। ये कम्पनी
पूर्णतः सरकारी होगी। इस कम्पनी की अंश पूंजी 500 करोड़ रुपये होगी जो 100
रुपये प्रति शेयर की दर से एकत्रित की जायेगी।
श्री राठौड़ ने बताया कि कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 2 (8) के अनुसार
प्रदेश की पांचों विद्युत कम्पनियों की होल्डिंग नई कम्पनी के पास होगी।
पांचों विद्युत कम्पनियों के प्रबंध निदेशक इस कम्पनी के डायरेक्टर होंगे
तथा विद्युत विभाग के प्रमुख शासन सचिव इसके चेयरमैन होंगे।
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