उदयपुर में स्‍थापित हुई एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन

उदयपुर में फतेहसागर झील स्थित उदयपुर सौर वेधशाला एशिया की सबसे बड़ी मास्ट (मल्टी एप्लीकेशन सौलर टेलीस्कॉप) दूरबीन स्‍थापित की गई। मंगलवार को इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला प्रबंधन परिषद के अध्यक्ष और इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रो यूआर राव ने किया। इस दूरबीन से सूर्य की प्रति मिनट डिजिटल वेलोसिटी की तस्वीरें प्राप्त कर सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी ली जा सकेगी। राव ने कहा कि उदयपुर में पहले से स्थापित सौर वेधशाला के कारण इसका चयन किया गया है। उदयपुर का वातावरण सूर्य और चुम्बकीय क्षेत्र में अध्ययन के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सूर्य के संबंध में हमें बहुत कम जानकारी प्राप्त है। मास्ट की मदद से सूर्य के बहुत से रहस्यों से पर्दे उठेंगे। इसके अलावा इसमें आदित्य की मदद भी मिलेगी। आदित्य एक उपग्रह है, जिसके माध्यम से सूर्य के कोरोना का अध्ययन किया जा सकेगा।
मास्ट की मदद से सूर्य के बहुत से रहस्यों से पर्दे उठेंगे। इसके अलावा इसमें आदित्य की मदद भी मिलेगी। आदित्य एक उपग्रह है, जिसके माध्यम से सूर्य के कोरोना का अध्ययन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आदित्य के प्रक्षेपण से पहले इस दूरबीन की स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके जरिये सूर्य की नवीनतम जानकारी हासिल हो सकेगी। उदयपुर सौर वेधशाला के प्रमुख पी़ वेंकटकृष्णन ने कहा कि मास्ट उदयपुर सौर वेधशाला की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके माध्यम से सूर्य के चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन किया जा सकेगा। यह दूरबीन सूर्य के थ्री-डी इमेज लेगी फिर उनका अध्ययन किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एएस किरण कुमार का संदेश पढ़कर सुनाया गया। उन्होंने अपने संदेश में उन्होंने कहा कि बेल्जियम से बनकर आई एशिया की सबसे बड़ी दूरबीनों में शुमार इस मास्ट दूरबीन को वर्ष 2012 में सौर वेधशाला में स्थापित किया गया था। कई तकनीकी समस्याएं दूर करने और अन्य सभी पहलुओं की जांच परख के बाद इस दूरबीन ने काम शुरू किया है। वैज्ञानिक अब इसके माध्यम से सूर्य का अधिक गहनता से अध्ययन करने में सक्षम होंगे।

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