मुख्यमंत्री ने शनिवार को महिन्द्रा वल्र्ड सिटी जयपुर में 100 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किए गए भारतीय स्किल डवलपमेंट कैम्पस (बीएसडीसी) का उद्घाटन भी किया। जो स्विस डूअल माॅडल के आधार पर पाॅलिमैकेनिक मशीनों से प्रशिक्षण देने वाला देश का सबसे बड़ा स्किल कैम्पस है। इस कैम्पस में विश्व की श्रेष्ठ डिजीटल मशीनों के साथ-साथ आधुनिकतम तकनीक पर आधारित सीएनसी, फिटिंग, टर्निंग, मिलिंग और हैण्ड स्किल के पाॅलिमैकेनिक कोर्सेज उपलब्ध हैं। जहां स्विजरलैण्ड के डूअल स्किलिंग सिस्टम के आधार पर राजस्थान के युवाओं के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है और बाहर के प्रशिक्षुओं के लिए हाॅस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है।
श्रीमती राजे ने कहा कि देश में अधिक से अधिक युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उनका कौशल विकास किया जाना चाहिए। ऐसे युवा हमारे लिए एक अवसर हैं और उनकी ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक दिशा में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसीलिए राज्य सरकार कौशल विकास पर फोकस कर रही है और इस सेक्टर में हम देशभर में लगातार अग्रणी हैं। सिंगापुर में स्किल यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक छोटे से देश में ऐसा किया जा सकता है, तो हमारे यहां क्यों नहीं। जब हमारे हाथ में हुनर होगा तो गांव, प्रदेश और देश की सीमाएं हमें रोक नहीं सकेगी।
श्रीमती राजे ने कहा कि कौशल विकास एक टीम वर्क है। यह कार्य एक व्यक्ति या संस्थान द्वारा किया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार एक ऐसी टीम है, जिसने प्रदेश को कौशल विकास में देशभर में नम्बर एक बनाया है। राजेन्द्र एण्ड उर्सला जोशी फाउण्डेशन के प्रेसिडेंट डाॅ. आरके जोशी तथा वाइस प्रेसिडेंट श्रीमती उर्सला जोशी को बीएसडीसी के कौशल विकास केन्द्र तथा कौशल विकास विश्वविद्यालय के लिए एमओयू के प्रस्ताव के लिए धन्यवाद देते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थानी मूल के लोग दुनिया में जहां कहीं भी चले जाएं, वे राजस्थान को खुशहाल बनाने के लिए हमेशा आगे आते हैं।