Rajasthani Muhavare / Kahawat in Hindi (राजस्थानी मुहावरे, कहावतें):
- अंधा की माखी राम उड़ावै।
- बेसहारे व्यक्ति का साथ भगवान देता है।
- अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं ।
- मूर्ख व्यक्ति साधन होते हुए भी उनका उपयोग नहीँ कर पाते।
- अक्कल उधारी कोनी मिलै।
- हिंदी - अकल उधार में प्राप्त नहीं होती।
- अक्कल कोई कै बाप की कोनी।
- हिंदी - अकल पर किसी का सर्वाधिकार नहीं है |
- अगस्त ऊगा, मेह पूगा ।
- हिंदी -अगस्त माह शुरू होते ही वर्षा पहुँच जाती है |
- अणदेखी न नै दोख, बीनै गति न मोख।
- हिन्दी – निर्दोष पर दोष लगाने वाले की कहीँ गति नहीँ होती।
- अणमांग्या मोती मिलै, मांगी मिलै न भीख।
- हिंदी -बिना मांगे कीमती चीज मिल जाती है पर मांगने पर भीख भी नहीं मिलती है।
- अत पितवालो आदमी, सोए निद्रा घोर। अण पढ़िया आतम कही, मेघ आवै अति घोर |
- हिन्दी - अधिक पित्त प्रकृति का व्यक्ति यदि दिन मेँ भी अधिक सोए तो यह भारी वर्षा का सूचक है।
- अदपढ़ी विद्या धुवै चिन्त्या धुवे सरीर।
- हिंदी -अधूरे ज्ञान से चिंता बढती है और शरीर कमजोर होता है
- अनहोणी होणी नहीं, होणी होय सो होय।
- हिंदी -जो नहीं होना है वह होगा नहीं और होने को टाल नहीं सकते है |
- अम्बर कै थेगळी कोनी लागै ।
- हिंदी -आकाश में पैच नहीं लगाया जा सकता |
- अम्बर राच्यो, मेह माच्यो |
- हिन्दी – आसमान का लाल होना वर्षा का सूचक है।
- अम्मर को तारो हाथ सै कोनी टूटै ।
- हिन्दी– आकाश का तारा हाथ से नहीँ टूटता।
- अम्मर पीळो में सीळो ।
- हिन्दी – आसमान का पीला होना वर्षा का सूचक है।
- अरजन जसा ही फरजन ।
- हिंदी - सब एक जैसे हैं |
- अरड़ावतां ऊँट लदै ।
- हिंदी – दीन पुकार पर भी ध्यान न देना।
- असो भगवान्यू भोळो कोनी जको भूखो भैसां में जाय ।
- हिंदी – कोई मूर्ख होगा जो प्रतिफल की इच्छा के बगैर कार्य करे।
- आँ तिलां मैँ तेल कोनी |
- हिंदी – क्षमता का अभाव।
- आँख मीच्यां अंधेरो होय ।
- हिंदी – ध्यान न देने पर अहसास का न होना।
- आँखन, कान, मोती, करम, ढोल, बोल अर नार। अ तो फूट्या ना भला, ढाल, ताल, तलवार॥
- हिंदी – ये सभी चीजेँ न ही टूटे-फूटे तो ही अच्छा है।
- आंख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय ।
- हिंदी – आँखोँ देखी घटना कभी झूँठी नहीँ होती।
- आंधा मेँ काणोँ राव |
- हिंदी – मूर्खोँ मेँ कम गुणी व्यक्ति का भी आदर होता है।
- आगे थारो पीछे म्हारो |
- हिंदी – जैसा आप करेँगे वैसा ही हम।
- आज मरयो दिन दूसरो |
- हिंदी – जो हुआ सो हुआ।
- आज हमां और काल थमां |
- हिंदी – जो आज हम भुगत रहे हैँ, कल तुम भुगतोगे।
- आडा आया माँ का जाया |
- हिंदी – कठिनाई मेँ सगे सम्बन्धी (भाई) सहायता करते हैँ।
- आडू चाल्या हाट, न ताखड़ी न बाट |
- हिंदी – मूर्ख का कार्य अव्यवस्थित होना।
- आदै थाणी न्याय होय |
- हिंदी – बुरे/बेईमान को फल मिलता है।
- आप कमाडा कामडा, दई न दीजे दोस |
- हिंदी – व्यक्ति के किये गए कर्मोँ के लिए ईश्वर को दोष नहीँ देना चाहिए।
- आप गुरुजी कातरा मारै, चेला नै परमोद सिखावै |
- हिंदी – निठल्ले गुरुजी का शिष्योँ को उपदेश देना।
- आप मरयां बिना सुरग कठै |
- हिंदी – काम स्वयं ही करना पड़ता है।
- आम खाणा क पेड़ गिणना |
- हिंदी – मतलब से मतलब रखना।
- आषाढ़ की पूनम, निरमल उगै चंद। कोई सिँध कोई मालवे जायां कट सी फंद।
- हिंदी – आषाढ़ की पूर्णिमा को चाँद के साथ बादल न होने पर अकाल की शंका व्यक्त की जाती है।
- इब ताणी तो बेटी बाप कै ही है |
- हिंदी – अभी कुछ नहीँ बिगड़ा।
- इसे परथावां का इसा ही गीत।
- हिंदी – जैसा विवाह वैसे ही गीत।
- ई की मा तो ई नै ही जायो ।
- हिंदी – इसके बारे मेँ अनुमान नहीँ लगाया जा सकता।
- उठै का मुरदा उठै बलेगा, अठे का अठे।
- हिंदी – एक स्थान की वस्तु दूसरे स्थान पर अनुपयोगी है।
- उत्तर पातर, मैँ मियाँ तू चाकर।
- हिंदी – उऋण होने मेँ संतोष का द्योतक है।
- उल्टो पाणी चीलां चढ़ै ।
- हिंदी – अनहोनी की आशंका को व्यक्त करता है।
- ऊंट मिठाई इस्तरी, सोनो गहणो शाह। पांच चीज पिरथी सिरै, वाह बीकाणा वाह।
- हिंदी - काव्य पंक्तियां मरुधरा की ऐसी पांच विशिष्टताओं को उल्लेखित करती है जिनकी सराहना समूची दुनिया में हो रही है।
- एक हाथ मैँ घोड़ो एक मैँ गधो है।
- हिंदी – भलाई-बुराई का साथ-साथ रहना।
- ऐँ बाई नै घर घणा।
- हिंदी – योग्य व्यक्ति हर जगह आदर पाता है।
- ओ ही काल को पड़बो, ओ ही बाप को मरबो।
- हिंदी – कठिनाईयाँ एक साथ आती हैँ।
- ओछा की प्रीत कटारी को मरबो।
- हिंदी – ओछा अर्थात् निकृष्ट का साथ तथा कटारी से मरना दोनोँ ही एक समान हैँ।
- ओसर चूक्यां नै मौसर नहीँ मिलै।
- हिंदी – चूक होने पर अवसर नहीँ मिलता।