जयपुर, 11 फरवरी। राज्य विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले स्वायत्त शासन मंत्री श्री शान्ती कुमार धारीवाल ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि जन घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि चुनावों में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को खत्म किया जाएगा। इसी वादे को पूरा करते हुए यह संशोधन विधेयक लाया गया है।
उन्होंने कहा कि ऎसे कई मामले सामने आए हैं, जहां झूठे सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव लड़ लिया गया। चुनावों में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता के कारण शिक्षित और अशिक्षित दो वर्ग बन गए। अशिक्षित लोग खुद को हीन समझते हैं, जबकि कॉमन सेंस ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। कई लोग अपने कॉमन सेंस के कारण बड़े प्रशासक साबित हुए। उन्होंने कहा कि हरिदेव जोशी, भैंरो सिंह शेखावत, ज्ञानी जैल सिंह, राबड़ी देवी और उमा भारती जैसे महत्वपूर्ण लोग भी मैट्रिक पास न होने पर भी अच्छे प्रशासक साबित हुए। उन्होंने कहा कि अशिक्षित व्यक्ति भी अच्छे से अच्छा प्रशासक हो सकता है। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने का संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
Very nice sir thanku.... RSCIT Notes
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